on my way to pondicherry with my friends ,i live my journey
मुसाफिर हु मैं मंजिल का ठिकाना नही..
जिए जा रहा हु सफ़र को अब होश में मुझे आना नही.
इन हवाओ में उड़ जाना चाहता हु मैं ..
इन वादियों को देखकर मुस्करा जाता हु मैं .
खुशियों के लिए नही करना होता किसी तरीक का इंतज़ार ...
हो साथ अगर कुछ अनमोल यार ..
-अनिमेष शाह
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